ना जाने कब तुम आ करहमारे दिल मे बसने लगे,तुम पहले दोस्त थे,फिर प्यार,फिर ना जाने कब ज़िंदगी बन गये…!!..
Kaash Mein Palat Jaun Bachpan ki Waadi mein,Jahan Na Koi Zarurat Thi, Na koi Zaruri Tha...
Aap har manzil ko mushkil samajhtehain,Hum aap ko manzil samajhte hain,Bada fark hai aapke or hamare nazariye main,Aap hume sapna or hum aapko apnasamajhte hain..
Shikayat nahi karta zamane se koi,Agar
maan jata manane se koi,Kisi ko fir yaad na karta koi,Agar bhul jate bhulane se koi...
खुद पर भरोसे का हुनर सीख लेलोग जितने भी सच्चे हो साथ छोड़ ही जाते हैं…
गमो में हसने वाले को रुलाया नहीं जाता.लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता.बनाने वाले बन जाते हैं अपने,किसीको कहकर अपना बनाया नहीं जाता...
याद करोगे उस गुज़ारे ज़माने को,तड़पोगे १ पल साथ बिताने को,आवाज़ देना फिर हमे वापस आने को,हम कहेंगे दरवाज़ा नहीं कब्र से बहार आने क..
फिर वही फ़साना अफ़साना सुनाती हो,दिल के पास हूँ कह कर दिल जलती हो,बेक़रार है आतिश-इ-नज़र नज़र से मिलने को,तो फिर क्यों नहीं प्यार जताती हो.
Kaash Mein Palat Jaun Bachpan ki Waadi mein,Jahan Na Koi Zarurat Thi, Na koi Zaruri Tha...
Aap har manzil ko mushkil samajhtehain,Hum aap ko manzil samajhte hain,Bada fark hai aapke or hamare nazariye main,Aap hume sapna or hum aapko apnasamajhte hain..
Shikayat nahi karta zamane se koi,Agar
maan jata manane se koi,Kisi ko fir yaad na karta koi,Agar bhul jate bhulane se koi...
खुद पर भरोसे का हुनर सीख लेलोग जितने भी सच्चे हो साथ छोड़ ही जाते हैं…
गमो में हसने वाले को रुलाया नहीं जाता.लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता.बनाने वाले बन जाते हैं अपने,किसीको कहकर अपना बनाया नहीं जाता...
याद करोगे उस गुज़ारे ज़माने को,तड़पोगे १ पल साथ बिताने को,आवाज़ देना फिर हमे वापस आने को,हम कहेंगे दरवाज़ा नहीं कब्र से बहार आने क..
फिर वही फ़साना अफ़साना सुनाती हो,दिल के पास हूँ कह कर दिल जलती हो,बेक़रार है आतिश-इ-नज़र नज़र से मिलने को,तो फिर क्यों नहीं प्यार जताती हो.
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